सजग होकर यदि हम लड़े तो ना हो अज्ञात भय से ग्रस्त। सजग होकर यदि हम लड़े तो ना हो अज्ञात भय से ग्रस्त।
सन इक्कीस को इक्कीस में भी मानवता कोरोना के कहर से कर रही चीत्कार।। सन इक्कीस को इक्कीस में भी मानवता कोरोना के कहर से कर रही चीत्कार।।
जिंदगी से रुठी मौत सी हूँ मैं कुछ रात सी हूँ। जिंदगी से रुठी मौत सी हूँ मैं कुछ रात सी हूँ।
आज़ादी के तराने मुस्कुराती गुनगुनाती बेख़ौफ़ बेबाक लड़कियाँ....... आज़ादी के तराने मुस्कुराती गुनगुनाती बेख़ौफ़ बेबाक लड़कियाँ.......
ब्रह्मांड की तरह चेतना को विश्राम कहाँ जब कभी मिलती है विश्रांति खुद के कहीं होने का आभास होता ह... ब्रह्मांड की तरह चेतना को विश्राम कहाँ जब कभी मिलती है विश्रांति खुद के कहीं...
अपनी सी मनोशारीरिक संरचना वाले तथाकथित पुरुषों के घृणित पुरुषोचित कर्म। अपनी सी मनोशारीरिक संरचना वाले तथाकथित पुरुषों के घृणित पुरुषोचित कर्म।